सभी लड़के लड़कियों को मिल रहा फ्री लैपटॉप? देखें पूरी खबर AICTE Free Laptop Yojana

AICTE Free Laptop Yojana: आजकल सोशल मीडिया पर “फ्री लैपटॉप योजना” से जुड़ी पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के तहत विद्यार्थियों को मुफ्त में लैपटॉप दिए जाएंगे। इस पोस्ट ने कई छात्रों को भ्रमित कर दिया है। यदि आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आई है, तो इसे सच मानने से पहले उसकी पुष्टि जरूर करें। आइए जानते हैं इस वायरल खबर की सच्चाई और इससे जुड़े तथ्य।

क्या है फ्री लैपटॉप योजना का दावा?

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हुई जिसमें दावा किया गया कि “AICTE फ्री लैपटॉप योजना” के तहत छात्रों को मुफ्त लैपटॉप दिए जाएंगे। यह पोस्ट पहली बार 3 मई 2024 को एक फेसबुक यूजर द्वारा शेयर की गई। इस पोस्ट में लिखा गया था कि सभी पात्र छात्र-छात्राओं को इस योजना के तहत आवेदन करना होगा और इसके बाद उन्हें मुफ्त लैपटॉप प्रदान किया जाएगा।

पोस्ट में बताया गया कि यह योजना “प्रधानमंत्री वन लैपटॉप वन योजना” के अंतर्गत आती है। इस पोस्ट ने कई छात्रों का ध्यान आकर्षित किया और तेजी से वायरल हो गई।

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एआईसीटीई ने किया दावे का खंडन

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उनके द्वारा ऐसी कोई योजना संचालित नहीं की जा रही है। यह पोस्ट पूरी तरह से फर्जी है और छात्रों को गुमराह करने के उद्देश्य से फैलाई जा रही है। AICTE ने छात्रों को ऐसी किसी भी योजना पर भरोसा न करने की सलाह दी है।

केंद्र सरकार का बयान

केंद्र सरकार ने भी इस मामले पर बयान जारी किया है। सरकार ने स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही यह योजना फर्जी है और इससे जुड़ी कोई भी योजना सरकारी विभाग द्वारा चलाई नहीं जा रही है। उन्होंने छात्रों से ऐसी पोस्ट से बचने और किसी भी अनधिकृत लिंक पर क्लिक न करने की अपील की है।

फर्जी योजना का उद्देश्य क्या है?

ऐसी फर्जी खबरें फैलाने का मुख्य उद्देश्य है सोशल मीडिया यूजर्स को गुमराह करना और अधिक से अधिक लोगों को इन फर्जी पोस्ट पर क्लिक करने के लिए प्रेरित करना।

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  1. क्लिकबेट लिंक: वायरल पोस्ट के साथ अक्सर लिंक दिए जाते हैं, जो उपयोगकर्ताओं को अनजान वेबसाइट्स पर ले जाते हैं।
  2. सोशल मीडिया पर लोकप्रियता: इन पोस्ट्स के जरिए अधिक लाइक्स, शेयर और व्यूज हासिल किए जाते हैं।
  3. आर्थिक लाभ: कई बार इन पोस्ट्स का उद्देश्य मोनेटाइजेशन के जरिए पैसा कमाना होता है।

साइबर एक्सपर्ट्स की राय

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ अनुज अग्रवाल ने इस मामले पर कहा कि यह पोस्ट पूरी तरह से फर्जी है और छात्रों को इससे सावधान रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि ऐसी पोस्ट्स के जरिए छात्रों को गुमराह किया जाता है और कई बार उनका डेटा चोरी होने का भी खतरा रहता है।

फर्जी योजना की पहचान कैसे करें?

फर्जी योजनाओं को पहचानने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:

  1. अधिकृत स्रोत से पुष्टि करें: योजना की सच्चाई जानने के लिए संबंधित सरकारी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  2. ब्लरी तस्वीरें और लिंक: यदि पोस्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीरें धुंधली हैं या लिंक संदिग्ध है, तो उस पर भरोसा न करें।
  3. असामान्य दावे: यदि किसी योजना में जरूरत से ज्यादा फायदे बताए जा रहे हैं, तो उसकी जांच जरूर करें।
  4. प्रामाणिकता का अभाव: यदि योजना के बारे में सरकारी अधिकारियों या विभाग की ओर से कोई पुष्टि नहीं है, तो उसे फर्जी मानें।

विद्यार्थियों के लिए जरूरी सलाह

छात्रों को ऐसी फर्जी योजनाओं से बचने के लिए निम्नलिखित सलाह दी जाती है:

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  1. फर्जी पोस्ट्स से सावधान रहें: सोशल मीडिया पर किसी भी पोस्ट पर आंख मूंदकर भरोसा न करें।
  2. क्लिक न करें: अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचें, क्योंकि यह आपके डेटा की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है।
  3. आधिकारिक वेबसाइट देखें: किसी भी योजना की जानकारी के लिए संबंधित विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  4. शेयर करने से बचें: फर्जी पोस्ट को शेयर करने से बचें ताकि गलत जानकारी फैलने से रोकी जा सके।

कैसे फैलती हैं फर्जी खबरें?

सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें फैलाने के लिए कई तरीके अपनाए जाते हैं। इनमें से कुछ मुख्य हैं:

  1. भ्रामक कैप्शन: पोस्ट में आकर्षक और भ्रामक कैप्शन लिखे जाते हैं।
  2. फर्जी अकाउंट: फर्जी अकाउंट्स के जरिए ऐसी खबरें तेजी से फैलाई जाती हैं।
  3. जालसाजी: पोस्ट्स के साथ नकली दस्तावेज या प्रमाण पत्र साझा किए जाते हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही “एआईसीटीई फ्री लैपटॉप योजना” की खबर पूरी तरह से फर्जी है। ऐसी खबरों पर भरोसा करना न केवल आपके समय की बर्बादी है, बल्कि यह आपके डेटा की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है। छात्रों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए और किसी भी योजना की सच्चाई जानने के लिए अधिकृत स्रोतों पर भरोसा करना चाहिए।

यदि आपके पास भी ऐसी कोई फर्जी पोस्ट आती है, तो उसे अनदेखा करें और दूसरों को भी इसके बारे में सचेत करें। आपकी सतर्कता न केवल आपको बल्कि आपके आसपास के लोगों को भी सुरक्षित रख सकती है।

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